कलेक्टर कैसे बने? | कलेक्टर बनने के लिए 10वीं के बाद क्या करें?

क्या आपका सपना जिला कलेक्टर बन कर देश की सेवा करना है, यदि हाँ तो हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से collector kaise bane इसके बारे में विस्तार से जानकारी देने जा रहे है जिसमे आपको बताया जायेगा कि कलेक्टर बनने के लिए आपको किस प्रकार की परीक्षा देनी है, कितने चरणों में यह परीक्षा आयोजित की जाती है और कलेक्टर बनने के बाद आपकी क्या क्या जिम्मेदारियां है तो चलिए देर न करते हुए इस खास जानकारी को पढ़ना प्रारम्भ करते है।  

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कलेक्टर कैसे बने?

कलेक्टर बनने के लिए आपको UPSC परीक्षा को पास करना आवश्यक है, और यह आप तभी पास कर सकते है जब आपका इस परीक्षा के प्रति मार्गदर्शन सटीक हो, कठिन परिश्रम और लग्न के साथ पढ़ने पर आप इस परीक्षा को पास कर सकते है और खुद को collector के रूप में बनता देख सकते है. हालाँकि जिला कलेक्टर बनना आसान नहीं होता है.

इस परीक्षा में आवेदन करने के लिए उम्मीदवार को किसी भी विषय में स्नातक करना जरुरी होता है, इस परीक्षा की जटिलता को कम करने के लिए आप 2 से 3 वर्ष पूर्व इसकी तैयारी शुरु कर दे। लेकिन इस परीक्षा में आवेदन करने के लिए आपकी उम्र सीमा भी निर्धारित की गयी है तो चलिए जानते है कि कितनी उम्र सीमा तक यह परीक्षा दी जा सकती है ।

कलेक्टर बनने के लिए कितनी उम्र चाहिए?

जिला collector बनने के लिए हर वर्ग के लिए अलग अलग बनाया गया है, जो नीचे में निम्नलिखित है |

उम्र 

सामान्य21 से 32 वर्ष
अन्य पिछड़ा वर्ग ( OBC )  21 से 35 वर्ष तक
अनुसूचित जाति21 से 37 वर्ष
अनुसूचित जन जाति21 से 37 वर्ष
दिव्यांग उम्मीदवार21 से 42 वर्ष
अनुसूचित और अनुसूचित जन जाति दिव्यांग उम्मीदवारकोई सीमा नहीं

कलेक्टर बनने के लिए आवश्यक योग्यता

कलेक्टर, जिसे जिला अधिकारी भी कहा जाता है, जिले का प्रमुख प्रशासक होता है। यह एक प्रमुख और मान्यताप्राप्त पद है जो भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के माध्यम से प्राप्त किया जाता है। तो, चलिए जानते हैं कि कलेक्टर बनने के लिए क्या-क्या योग्यता चाहिए:

  1. शैक्षिक योग्यता: स्नातक की पढ़ाई अनिवार्य है। यानी कि आपको किसी मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी कर लेनी चाहिए।
  2. आयु सीमा: सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों की आयु 21 से 32 वर्ष तक होनी चाहिए। जबकि अन्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आयु में छूट प्रदान की जाती है।
  3. प्रतियोगी परीक्षा: UPSC द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा पास करना है। यह परीक्षा प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार में होती है।
  4. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य: उम्मीदवार को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए, ताकि वह इस जिम्मेदार पद की अपेक्षाओं को पूरा कर सके।
  5. नैतिकता: उम्मीदवार में उच्च स्तर की नैतिकता होनी चाहिए। आचार, विचार और कार्य में ईमानदारी और सटीकता चाहिए।

अगर आप इन सभी योग्यताओं को पूरा करते हैं, तो आप भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल होकर कलेक्टर बन सकते हैं। और हाँ, यह एक लंबा सफर है, लेकिन अगर आपमें जज्बा और संकल्प है, तो कोई भी मुश्किल आपको रोक नहीं सकती।

Collector बनने के लिए फॉर्म कैसे अप्लाई करें? 

फॉर्म अप्लाई करने के लिए, आपको सबसे पहले UPSC की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा जहां आपको फॉर्म डाउनलोड करने की सुविधा मिलेगी। collectorबनने हेतू आवेदन फॉर्म को डाउनलोड करने के बाद, आपको सभी आवश्यक जानकारी भरनी होगी, जैसे कि नाम, पता, संपर्क संख्या और अन्य विवरण। सभी जानकारी भरने के बाद, आपको फॉर्म को सबमिट करना होगा। और इस प्रकार आप कलेक्टर बनने के लिए फॉर्म अप्लाई कर सकते है।

फॉर्म भरने के लिए आवश्यक दस्तावेज

  • पहचान के लिए आधार कार्ड
  • स्थाई निवास प्रमाण पत्र
  • Graduation की मार्कशीट
  • लेटेस्ट दो पासपोर्ट साइज फोटो
  • सामान्य वर्ग छोड़कर बाकी किसी वर्ग के उम्मीदवार है तो जाति प्रमाण पत्र
  • स्थाई मोबाइल नंबर
  • Gmail ID
  • सिग्नेचर या थम्प्रिंट / कई बार दोनों

Upsc परीक्षा के चरण

जैसा कि आपको बताया गया कि collector बनने के लिए आपको UPSC की परीक्षा देनी होती है और यह तीन चरणों में आयोजित की जाती है, जिनके नाम कुछ इस प्रकार है। 

1 – Preliminary Exam – यह परीक्षा हर वर्ष जून महीने में आयोजित की जाती है, जिसके अंतर्गत 2 पेपर होते है, पहला पेपर जनरल एबिलिटी टेस्ट ( गेट ) और दूसरा पेपर सिविल सर्विसेज एप्टीटुड टेस्ट ( सीसैट ) का होता है, दोनों ही परीक्षाएं वस्तुनिष्ठ प्रश्नों पर आधारित है, यह प्रश्न पत्र 400 अंको का होता है।  

2 – Main Exam – प्रतिवर्ष सितम्बर से अक्टूबर के महीने में UPSC की मुख्य लिखित परीक्षा आयोजित की जाती है। इसमें कुल 9 परीक्षाएं होती है जिन्हें मुख्य रूप से 2 भागों में बांटा गया है। 

3 – साक्षात्कार – collector बनने के लिए आपको साक्षात्कार परीक्षा से होकर गुजरना होता है यह सबसे कठिन और महत्वपूर्ण परीक्षा मानी जाती है, जिसमें कई अधिकारियों का ग्रुप आपसे कुछ प्रश्न करता है और जिनके जवाब आपको देने होता है और इन्ही के आधार पर आपको इस परीक्षा में उत्तर प्राप्त होता है।

परीक्षा में पूछें जाने वाले विषय 

इस परीक्षा को देने के लिए फॉर्म आवेदकों को निम्न विषयों पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए। 

1 – प्रारंभिक लिखित परीक्षा

प्रारंभिक परीक्षा दो चरणों में विभाजित की जाती है प्रथम चरण में आने वाले विषय कुछ इस प्रकार है।

पेपर – 1 ( 200 अंक ) ( समय – 2 घंटे )

  • भूगोल 
  • इतिहास 
  • राजनीति विज्ञान और नागरिक शास्त्र 
  • अर्थशास्त्र 
  • भौतिक रसायन और जीव विज्ञान
  • पर्यावरण विज्ञान
  • समाज शास्त्र

पेपर – 2 ( 200 अंक ) ( समय – 2 घंटे )

  • कॉम्प्रिहेंशन
  • मैथ 
  • रीजनिंग 
  • एनालिटिकल एबिलिटी 
  • जनरल मेन्टल एबिलिटी 

collector बनने के लिए प्रारंभिक परीक्षा पास कर चुके अभ्यर्थियों को मुख्य लिखित परीक्षा देनी होती है जिसमें निम्न प्रकार के विषयों से प्रश्न किये जाते है। 

2 – मुख्य लिखित परीक्षा 

  • कंपल्सरी इंडियन लैंग्वेज 
  • इंग्लिश 
  • निबंध 
  • सामान्य अध्ययन – 1 
  • सामान्य अध्ययन – 2 
  • सामान्य अध्ययन – 3 
  • सामान्य अध्ययन – 4 
  • वैकल्पिक विषय पेपर -1 
  • वैकल्पिक विषय पेपर -2 

UPSC एग्जाम की तैयारी कैसे करें?

जिलाधिकारी बनने के लिए आपको UPSC परीक्षा में सफलता प्राप्त करनी होती है, जी बिल्कुल, इस पद को प्राप्त करने के लिए आपको इसकी परीक्षा की काफी अच्छी तैयारी करने की आवश्यकता होती है, भारत के कई बड़े शहरों में कुछ प्रमुख शिक्षण संस्थान UPSC परीक्षा की तैयारी कराते है.

आप इनके बताये गए मार्गदर्शन द्वारा इस परीक्षा को पास करने में थोड़ी मदद ले सकते है, collector बनने के लिए आपको समय, सफलता की इच्छा और पढ़ाई की तैयारी तीनों पर अच्छी पकड़ बनानी होती है। इसलिए साक्षात्कार, परीक्षण, लेखन और संगणना आदि जैसी आवश्यक परीक्षाओं की तैयारी करते रहना चाहिए। इसके अलावा हम आप यहाँ दिए गए बिन्दुओं को पढ़ कर भी परीक्षा की तैयारी में कुछ मदद ले सकते है। 

  • लक्ष्य निर्धारित करें – इस परीक्षा की तैयारी के आपको सबसे पहले अपने मन में जिलाधिकारी बनने के लक्ष्य निर्धारित करना होगा ताकि आप अपने सपने को साकार करने के लिए मेहनत कर पायें। 
  • सिलेबस देखें – परीक्षा का सिलेबस देखें ताकि आपको इसमें पूछे जाने वाले विषयों और प्रश्नों की जानकारी हो सके। 
  • पढाई में अधिक समय दे – collector बनने के लिए आपको 10 से 12 घंटे पढ़ने की आवश्यकता होती है। इसलिए अपना अधिक से अधिक समय पढाई में दें। 
  • पूर्व के प्रश्न पत्रों को हल करें – पिछले 5 वर्षो के प्रश्न पत्रों में पूछे गए प्रश्नों को पढ़ने और समझने की कोशिश करें।
  • अच्छी किताबो और संस्थानों का चयन  – इस परीक्षा के लिए आपको ऐसी किताबों का चयन करना होता है, जिनमें दी गयी जानकारी सरल और सटीक हो, इसके अलावा आप कई संस्थान में भी प्रवेश ले सकते है जहाँ इस परीक्षा की तैयारी कराई जाती हो।

कितनी बार परीक्षा दी जा सकती है?

  • collector पद के लिए सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी 32 वर्ष की आयु तक कुल 6 बार परीक्षा दे सकते है ,
  • अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थी 35 वर्ष की आयु तक कुल 6 बार परीक्षा दे सकते है , 
  • अनुसूचित जाति और अनुसूचित जन जाति के अभ्यर्थी 37 वर्ष की आयु तक, कई बार परीक्षा दे सकते है,
  • सामान्य वर्ग के विकलांग उम्मीदवार 42 वर्ष तक कुल 9 बार परीक्षा दे सकते है।

समाज में कलेक्टर की भूमिका

कलेक्टर एक ऐसा पद है जो जिले के प्रशासनिक व्यवस्था में सीनियर पद होता है। समाज की अनेक स्थितियों और परिस्थितियों के प्रति, कलेक्टर की भूमिका महत्वपूर्ण है। चलिए, हम इसे विस्तार से जानते हैं:

  1. सामाजिक न्याय: कलेक्टर समाज में समानता और न्याय को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वह वंचित और कमजोर वर्गों की सहायता के लिए विशेष योजनाएं चलाता है।
  2. आपातकालीन प्रस्थितियों का सामना: चाहे वह प्राकृतिक आपदा हो या मानव-निर्मित संकट, कलेक्टर समाज को इन आपात स्थितियों से निपटने में मदद करता है।
  3. विकासशील परियोजनाएं: कलेक्टर जिले के विकास के लिए नई परियोजनाओं की योजना बनाता है और उन्हें अन्य विभागों के साथ मिलकर लागू करता है।
  4. जन संपर्क और समस्या निवारण: कलेक्टर जनता से सीधा संपर्क रखता है, उनकी समस्याओं को सुनता है और तत्पर उपाय ढूंढता है।
  5. संविधानिक कर्तव्य: कलेक्टर संविधानिक तरीके से जिले के प्रमुख प्रशासक होते हैं और सभी कानूनी प्रक्रियाओं की पालना करते हैं।
  6. सामाजिक जागरूकता: वह लोगों को उनके अधिकार और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करता है और उन्हें जानकार बनाता है।

कलेक्टर समाज में एक नायक की भूमिका निभाता है, जो समाज के विकास और समृद्धि के लिए हर संभावित प्रयास करता है। वह समाज के हर व्यक्ति के लिए उचित सेवाएं, अधिकार और सुविधाएं प्रदान करने में जुटा रहता है।

जिलाधिकारी का वेतन

collector का वेतन भारत सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है। इससे सम्बंधित वेतन बढ़ोतरी, केंद्रीय सरकार के अनुसूचित वेतन स्तर से निर्धारित किया गया है। जिलाधिकारी को केंद्रीय सरकार के अनुसूचित वेतन स्तर के अनुसार वेतन दिया जाता है।

कृपया नोट करें कि वेतन स्तर के साथ सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए सरकार के साथ संपर्क करें। 

Collector को मिलने वाली सुविधाएँ 

जिलाधिकारी को मिलने वाली सुविधाएं कुछ इस प्रकार है, 

  • जिलाधिकारी को रहने के लिए सरकारी बंगला दिया जाता है, इसमें रहने के लिए अधिकारी से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है।  
  • collector के बंगले में गृह कार्य करने हेतू एक सहायक कर्मचारी भी दिया जाता है।  
  • दफ्तर व अन्य सरकारी भ्रमण के लिए जिलाधिकारी को एक सरकारी वाहन भी दिया जाता है। 
  • कलेक्टर के बिजली, पानी और टेलीफोन का खर्च सरकार उठाती है। 
  • रिटायरमेंट के बाद जिलाधिकारी को आजीवन पेंशन दी जाती है।    

FAQ

Collector kaise bane ? 

जिला अधिकारी बनने के लिए आपको सिविल सर्विसेज का एग्जाम पास करने की आवश्यकता होती है।  

UPSC की परीक्षा कितने चरणों में होती है नाम बतायें? 

यह परीक्षा 3 चरणों में सम्पन्न की जाती है जिनके नाम प्रारंभिक लिखित परीक्षा, मुख्य लिखित परीक्षा और साक्षात्कार है।  

कलेक्टर बनने के लिए कितने पैसे लगते है ? 

जिला अधिकारी बनने के लिए किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता सिर्फ आवेदन फॉर्म का शुल्क ही लिया जाता है, लेकिन जब आप इस परीक्षा की तैयारी करते है तो कोचिंग में आपके 1 -2 लाख रुपए लग सकते है।

कलेक्टर को कितनी वेतन दी जाती है ?

collector को वेतन 60000 से लेकर 300000 रुपए प्रति माह वेतन दिए जाता है। इसके अलावा इन्हें  आवास, वाहन, रसोइयां, धोबी, मोची व अन्य प्रकार की सुविधायें दी जाती है

जिला अधिकारी का प्रशिक्षण कहाँ दिया जाता है ?  

यदि आपने UPSC की परीक्षा पास कर ली है तो आप ट्रैंनिंग के लिए लाल बहादुर शास्त्री नेशनल अकादमी ऑफ़ ट्रेंनिग में भेजे जायेंगे, जहां आपको डीएम बनने का पूरा प्रशिक्षण दिया जाता है।       

निष्कर्ष 

इस लेख के माध्यम से आपको यह बताने का प्रयास किया गया कि collector kaise bane, जहाँ आपने इस पद के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा, इस परीक्षा की तैयारी किस प्रकार करें और कलेक्टर बनने के बाद आपको किन किन जिम्मेदारियों का निर्वाहन करना है इसके बारे में विस्तार से बताया गया.

उम्मीद करते है हमारी यह जानकारी आपके लिए काफी उपयोगी साबित हुई होगी, हम भविष्य में आपको ऐसी ही खास जानकारी से रूबरू करते रहेंगे, इन्हें पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट को विजिट कर सकते है।  

धन्यवाद !

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